Thursday, 8 February 2018

बेटे- बेटियाँ और संस्कार

माज जहाँ आज कल बेटे- बेटियों को सामान अधिकार देने की बात कर रहा है।  वही सिर्फ बेटो की चाह रखने वाले इस बात से अपना मुुुह मोड़ रहा है। पर बेटो की चाह रखने वालो ये बात जरूर जान ले की ये बेटे-बेटियों में जो अन्तर आपने अपने दिमाग में बैठा रखा है वो सब संस्कार की बात है।  सो आने वाले पीढ़ी को ऐसी शिक्षा न दे की वो भी इस तरह की बात अपने दिमाग में आने दे।  समाज में सबका सामान अधिकार है।  सबको मिलकर चलना होगा तभी एक बेहतर समाज का निर्माण होगा।  नीचे दिये वीडियो में आप कलयुगी बेटा का जवाब आप सुन सकते है, भले ही ये एक वीडियो है पर समाज को इससे ज्ञान लेना चाहिए की अपने बच्चे को एक अच्छी शिक्षा दे ताकि वो आपके बातो को समझे और उसका जवाब भी सोच समझ कर दे।  

बेटे- बेटियाँ और संस्कार

स माज जहाँ आज कल बेटे- बेटियों को सामान अधिकार देने की बात कर रहा है।  वही सिर्फ बेटो की चाह रखने वाले इस बात से अपना मुुुह मोड़ रहा है। प...