Thursday, 8 February 2018
बेटे- बेटियाँ और संस्कार
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बेटे- बेटियाँ और संस्कार
स माज जहाँ आज कल बेटे- बेटियों को सामान अधिकार देने की बात कर रहा है। वही सिर्फ बेटो की चाह रखने वाले इस बात से अपना मुुुह मोड़ रहा है। प...
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आ ज से ४ साल पहले रविन्द्र भवन में "मोहन राकेश" कृत नाटक आधे अधूरे मैंने देखा था। पर तब इस नाटक को लेकर मेरे मन के क्या भाव...
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दि नांक १३/०८/२०१७ को कालिदास रंगालय, पटना में "आशा" संस्था के द्वारा नाटक रामलीला का मंचन किया गया, इस नाटक के निर्देशक र...
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लंबी दूरी तय करने में वक़्त तो लगता है। क ई बार लोग कामयाबी के बहुत करीब पहुच कर हार मान लेते हैं . आपको ध्यान देना होग...